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होज�कन्स िलन्फोम(Hodgkin's lymphoma)
होज�कन्स िलम्फोमा यHL (िजसे पहले होज�कन्स रोग के नाम से जाना जाता
था) �ेतर�-कोिशका� का क�सर (lymphoid malignancy) है, इस क�सर क�
संरचना और लक्षण िविश� ह� और इसकापूणर्तः उपचार संभव है। सबसे पह
सन् 1832 म� थॉमस हॉज�कन्स ने इस रोग का िवस्तार से अध्ययन �कया
इसे होज�कन्स रोग नाम से प�रभािषत �कया था। एक लाख लोग� म�2-3 इस
रोग के िशकार बनते ह�।
बायोप्सी �ारा लिसक-�ंिथ को िनकाल कर ( excisional lymph node
biopsy) उसक� सू�म-संरचना को देख कर ही इसका िनदान �कया जाता है।
सी.टी.स्के, एम.आर.आई.तथा अन्य जांच के आधार पर इसे िविभ� चरण� म� वग�कृत �कया जाता है।
सू�म-संरचना के आधार पर डब्ल्.एच.ओ. �ारा इसक� पांच सामान्य( classic) �कस्म� उल्लेिखत क� गई ह�।
पहली चार �कस्म�
1- नो�ूलर स्क्लीरोिसNS (80%)
2- िमक्स्ड सेल्यूल� MS (15%)
3- िलम्फोसाइट िडप्लीटेLD (02%)
4- िलम्फोसाइट �रच(03%) LR सामान्य ह�।
Pop corn Cells
ले�कन पांचव� अनूठी �कस्म के लक्षण भी िविश� ह� और उपचार भी अलग है। इसक� �ापक5 % है। इसम�
िविश� रीड-स्टनर्बगर् कोिशकाएं ब�त ही कम होती ह�। इनक� जगह �दाह कोिशका� के बीच िलम्फोसाइट
िहिस्टयोसाइट सेल्स य ''पॉपकॉनर् कोिशक'' िजसका दानेदार न्यूिक्लयस म�ा के िसकेभु�े क� तरह �दखा
देता है। ये बी-सेल एन्टीजन जैसे CD19 और CD20 के िलए घनात्मक और CD15 और CD30 के िलए
ऋणात्मक होते ह�।
5- नो�ूलर िलम्फोसाइट ि�डोिमनेन्ट होज�कन्(NLPHD)
सामान्य होज�कन्स िलम्फोमा म� िविश� �कार क� ब(20-50 नेनोमीटर) तथा ि�-नािभक�य ''रीड-स्टनर्बग
कोिशका'' होती है, हालां�क इनक� तादाद 1-2 % ही होती है, शेष स��य व िमि�त �दाह कोिशकाएं
िलम्फोसाइ, प्लाज्मा से, न्यू�ो�फ, इओिसनो�फल और िहिस्टयोसाइट्स होती ह�। र-स्टनर्बगर् सेल्स
कोिशका �� ( cytoplasm) �चुर, सम�प, ि�रंगा, महीन दानेदार (abundant, homogeneous,
amphophilic, finely granular ) होता है और नािभक ''उल्लू क� आंख '' जैसा (अथार्त इसम� दो एक जैसे
एिसडो�फिलक न्यूिक्लयाई होते ) और मोटी िभि� वाला होता है।
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अिधकांश रीड-स्टनर्बगर् कोिशका� क� उत्पि-कोिशका से होती ह�, ये लिसका-पवर्( lymph node) के गभर्
से िनकलती ह� पर ये एंटीबॉडीज नह� बनाती ह�। कुछ िवरले �कार के होज�कन्स िलम्फोमा म� इन र-स्टनर्बग
सेल्स का उ�व ट-कोिशका से भी होता है।
रीड-स्टनर्बगर् से CD30 (Ki-1) और CD15 एंटीजन से
सम्बंिधत है। CD30 रीड-स्टनर्बगर् सेल्स क� सतह म� ि
िलम्फोसाइट क� स��यता का माकर्र , जो क�सर िलम्फोयड
कोिशका� क� स��यता को �द�शत करता है। CD15 प�रप�
�ेन्यूलोसाइ, मोनोसाइट और स��य टी-सेल्स का माकर्र ह
ि�-नािभक�य रीड-स्टनर्बगर् से
कारण
होज�कन्स िलम्फोमा के स्प� कारण हम� मालूम नह� ह�। एप्-बार वायरस ( EBV) क� भूिमका महत्वपूणर
मानी गई है। 50% तक रोिगय� के क�सर सेल्स EBV-positive हो सकते ह�। लगभग 100 % एच.आई.वी. के
रोगी EBV-positive होते ह�।
होज�कन्स िलम्फो म� रक्-िवभाग क� बी-कोिशका के डी.एन.ए. म� िवकृत-िवभाजन ( mutation) शु� होता
है। िवकृत-िवभाजन ( mutation) कोिशका� को तेजी से िवभािजत होते रहने और लम्बे समय तक जीिवत
रहने के आदेश देता है। और प�रणाम स्व�प बड़, असाधारण बी-कोिशकाएं भारी तादाद म� जमा हो जाती ह�
जो स्वस्थ कोिशका� का ितरस्कार और उपहास करती ह
जोिखम घटक
• �लग – पु�ष
• उ� – 15-40 और 55 से ऊपर
• पा�रवा�रक
• इन्फेक्शस मोनोन्यूिक्लएि(कारक वाइरस – एप्स्ट-बार वाइरस Epstein-Barr virus)
• कमजोर रक्-�णाली – HIV, AIDS
• �ोथ हाम�न का लम्बे समय तक �योग
लक्षण और संक (Symptoms & Signs )
होज�कन्स िलम्फोमा म� िन� लक्षण होते
• सबसे मुख्य लक्षण क (Axilla), गदर्न या वंक्( groin) क� एक या
अिधक लिसका-�ंिथय� क� ददर्हीन संवृि� (Lymphnode
Enlargement) होना अथार्त शरीर म� गांठ� बन जाना है। स्पशर् करने
ये �ंिथयां बढ़ी �ई और रबर जैसी महसूस होती ह�।
• वैल्डेयर �रग(गले के िपछले िहस्स, ट�िसल), िसर का िपछला और
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िनचला भाग (occipital) या कोहनी के समीप बांह के अंदर का भाग (epitrochlear) क� लिसका-�ंिथया
बढ़ सकती ह�।
• सामान्य लक्षण जैसे सद� लग कर बुखार , भूख न लगना, कमजोरी, वजन कम होना, रात म� पसीना
आना, खुजली आ�द।
• 10% रोिगय� म� िवशेष तरह का िमयादी बुखार (Pel-Ebstein fever) होता है। 1-2 स�ाह तक तेज
बुखार आता है �फर 1-2 स�ाह रोगी का तापमान सामान्य रहता है और यह च� चलता रहता है।
• छाती या फे फड� म� िवव�धत लिसका-�ंिथयां ह� तो छाती म� ददर, खांसी, स्वासक� या खांसी के साथ खून
आना (hemoptysis) जैसे लक्षण हो सकते ह
• 10% रोिगय� क� गांठ� म� ददर् हो सकता है। कई बार म�दरापान के बाद �ंिथय� म� ददर् होता है
• �बबाणु कम हो जाने से त्वचा म� र��ाव के कारण लाल दाने या चक�े हो सकते ह�
• पीठ या हि�य� म� भी ददर् हो सकता है।
• प्लीहा(30% रोिगय� म�) और/या यकृत (5% रोिगय� म�) बढ़ जाता है।
• रोग का �भाव छाती म� हो तो उध्वर् महािशरा �स�ो(Superior vena cava syndrome)।
• क��ीय तंि�का तं� रोग – सेरीबेलर डीजनरेशन, न्यूरोपैथ, गुिलयन बैरी �स�ोम या मल्टीफोकल
ल्यूकोएन्के फेलोपैथी
िनदान
छायांकन (Imaging)
सी.टी.स्केन– पेट, छाती और �ोिण ( Pelvis) के स्केन �ारा
लिसकापवर, यकृत व प्लीहा क� संवृि� और फेपड़� का गांठ� तथा
प्लूरल इफ्यूजन क� जानकारी िमल जाती है
पी.ई.टी.स्केन– रोग के चरण िनधार्रण हेतु ज�री जांच है
छाती म� गांठ (mediastinal mass) का भी पता चल जाता है।
एम.आर.आई. – य�द क��ीय तंि�का तं� के िवकार क� संभावना
हो तो एम.आर.आई. और लम्बर पंक्चर �कया जाता ह
सू�मदशर्न(Microscopy)
FNAC -रोग का अिन्तम िनदान सू�मदशर्न �ारा ही �कया जात
है। पहले सुई �ारा गांठ का पानी िनकाल कर स्लाइड बनाई जाती ह, �फर उसे रंग कर सू�मदश� �ारा देखा
जाता है।
Biopsy FNAC के बाद िलम्फनोड का आंिशक या पूणर् उच्छे(Excision) करके बायोप्सी क� जाती है।
Bone marrow Biopsy वृ� या अिन्तम अवस्था के रोिगय� म� क� जाती है। दोन� तरफ क� बायोप्सी कर
उिचत रहता है। पहले और दूसरे चरण के रोिगय� म� इसे टाला जा सकता है य�द र� के परीक्षण ठीक आये ह�
र� परीक्ष
सी.बी.सी. और र� क� रसायिनक जांच – होज�कन्स िलम्फोमा म� -अल्पता( anemia), िलम्फोसाइट
घटना (lymphopenia), न्यू�ो�फल्स या इयोिसनो�फल्स बढ़ना आ�द सामान्य
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ई.एस.आर. - ई.एस.आर. शरीर म� �दाह का मोटा पैमाना है। इसका बढ़ना बुरे फलानुमान ( worse
prognosis) का संकेत है। हालां�क यह कई रोग� म� बढ़ सकता है और इसका कोई नैदािनक महत्व नह� है।
एल.डी.एच.– सामान्यतः बढ़ा रहता है। यह भी रोग फलानुमान म� महत्वपूणर्
एच.आई.वी.
य�द होज�कन्स िलम्फोमा के साथ ने�ो�टक �स�ोम भी ह(िजसक� संभावना ब�त
ही कम रहती है) तो ��ये�टनीन बढ़ सकता है। य�द रोग ह�ी और यकृत तक प�ँच
चुका है तो एल्केलाइन फोस्फेटे( ALP) भी बढ़ सकता है। अन्य िवकृितय� म�
कैिल्शयम और सोिडयम का बढ़ना और अल-र�शकर्रा आ�द मुख्य ह�
साइटोकाइन्स इन्टरल्यू� IL-6, IL-10 और घुलनशील CD25 ( IL-2 प ्ेपट )
रोग क� गम्भीरता से सम्बंिधत है
स्टे�जग ले�ोटोमी
चरण (Stages)
रोग के चरण का िनधार्रण िच�कत्सक�य इितह, शारी�रक परीक्, छायांकन, सू�मदशर्न तथा अन्य जांच
के आधार पर �कया जाता है। एन आबर्र वग�करण(1971) क� मदद से इसको चार चरण� म� वग�कृत �कया
गया है।
चरण I - म� एक िलम्फनोड या अन्य क्षे� �भािवत होता
चरण II – म� डाय�ाम के एक ही तरफ के दो या अिधक िलम्फनोड या क्षे� �भािवत होते ह
चरण III - म� डाय�ाम के दोन� ही तरफ के िलम्फनोड या क्षे� �भािवत होते ह
चरण IV - म� कई जगह के िलम्फनोड या क्षे� �भािवत होते ह यकृत या अिस्-म�ा (bone marrow) का
रोग�स्त होना भी इसी चरण को दशार्ता है
चरण िनधार्रण म� प्लीह(spleen) को िलम्फनोड माना जाता है।
उपचार
शल्य– इसके उपचार म� शल्-��या तभी क� जाती है जब कोई िलम्फनोड कोई बड़ी शारी�रक समस्या क
कारण बन रहा हो।
अिस्-म�ा या स्टेमसेल �त्यारोप–
इस उपचार म� रोगी के अिस्-म�ा/ स्टेमसेल िनकाल िलए जाते ह�। क�मोथैरेपी(cyclophosphamide,
melphalan, BCNU, Ara-C, methotrexate und etoposide) अिस्-म�ा/ स्टेमसे पुनः �त्यारोपण
कर �दये जाते ह�। यह उपचार युवा रोिगय� को �दया जाता है, क्य��क यह मंहगा भी ह, वृ� रोिगय� म�
जोिखम भी रहता है।
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रेिडयोथैरेपी –
होज�कन्स िलम्फोमा के उपचार के िलए रेिडयोथैरेपी और सामान्यतः क�मोथैरेपी दी जाती है। गंभीर रोिग
म� रेिडयोथैरेपी क� मा�ा 30-36 Gy रखी जाती है। सामान्य रोिगय� के िलए20-30 Gy रखी जाती है। य�द
िसफर् रेिडयो ही दी जाती है तो मा�ा30-44 Gy रखी जाती है।
कामोथैरपी –
�ारंिभक उपचार म� िन� क�मो िन� सू�ानुसार दी जाती है।
• MOPP (mechlorethamine, vincristine, procarbazine, prednisone)
• ABVD (Adriamycin [doxorubicin], bleomycin, vinblastine, dacarbazine)
• Stanford V (doxorubicin, vinblastine, mustard, bleomycin, vincristine, etoposide, prednisone)
• BEACOPP (bleomycin, etoposide, doxorubicin, cyclophosphamide, vincristine, procarbazine,
prednisone)
�ेडिनसोलोन और �ोकाब�जीन को छोड़ कर उपरो� सारी दवाइयां िशरा म� दी जाती ह�। MOPP पहला उपचार था जो िवन्स�ट
िडिवटा और सािथय� �ारा िवकिसत �कया गया था। ABVD बेहतर है और नपुंसकता और ि�तीयक ल्यूक�िमया क� संभावना कम
रहती है। Stanford V म� 12 स�ाह तक दवाएं दी जाती ह�।
MOPP हर 28 �दन म� �दया जाता है। कुल 6 च� इस �कार �दये जाते ह�।
• Mechlorethamine: 6 mg/m2
, days 1 and 8
• Vincristine: 1.4 mg/m
2
, days 1 and 8
• Procarbazine: 100 mg/m
2
, days 1-14
• Prednisone: 40 mg/m2
, days 1-14, cycles 1 and 4 only
ABVD 28 �दन म� �दया जाता है। कुल 6 च� इस �कार �दये जाते ह�।
• Adriamycin: 25 mg/m2
, days 1, 15
• Bleomycin: 10 mg/m2
, days 1, 15
• Vinblastine: 6 mg/m
2,
days 1, 15
• Dacarbazine: 375 mg/m
2
, days 1, 15
The Stanford V इस �कार दी जाती है।
• Vinblastine: 6 mg/m
2
, weeks 1, 3, 5, 7, 9, 11
• Doxorubicin: 25 mg/m
2
, weeks 1, 3, 5, 9, 11
• Vincristine: 1.4 mg/m
2
, weeks 2, 4, 6, 8, 10, 12
• Bleomycin: 5 units/m
2
, weeks 2, 4, 8, 10, 12
• Mechlorethamine: 6 mg/m
2
, weeks 1, 5, 9
• Etoposide: 60 mg/m2
twice daily, weeks 3, 7, 11
• Prednisone: 40 mg/m2
, every other day, weeks 1-10, tapered weeks 11, 12
• XRT to bulky sites 2-4 weeks following the end of chemotherapy
BEACOPP तीन स�ाह दी जाती है, कुल 8 च� �दये जाते ह�।
• Bleomycin: 10 mg/m
2
, day 8
• Etoposide: 200 mg/m
2
, days 1-3
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• Doxorubicin: 35 mg/m
2
, day 1
• Cyclophosphamide: 1,250 mg/m2
, day 1
• Vincristine: 1.4 mg/m2
, day 8
• Procarbazine: 100 mg/m2
, days 1-7
• Prednisone: 40 mg/m
2
, days 1-14
सालवेज क�मोथैरेपी
य�द �ारंिभक क�मो उपचार काम न करे तो सालवेज क�मोथैरेपी दी जाती है। इनम� तीन मुख्य ह�।
• ICE (ifosfamide, carboplatin, etoposide)
• DHAP (cisplatin, cytarabine, prednisone)
• ESHAP (etoposide, methylprednisolone, cytarabine, cisplatin)
सालवेज क�मोथैरेपी िवस्तार म�
ICE इस तरह दी जाती है।
• Ifosfamide: 5 g/m
2
, day 2
• Mesna: g/m2
, day 2
• Carboplatin: AUC 5, day 2
• Etoposide: 100 mg/m
2
, days 1-3
DHAP इस तरह दी जाती है।
• Cisplatin: 100 mg/m
2
, day 1
• Cytarabine: 2 g/m
2
, given twice on day 2
• Dexamethasone: 40 mg, days 1-4
EPOCH म� etoposide, vincristine, and doxorubicin एक साथ 96 घन्टे तक िनरन्तर िशरा मागर् से दी जाती है
• Etoposide: 50 mg/m
2
, days 1-4
• Vincristine: 0.4 mg/m
2
, days 1-4
• Doxorubicin: 10 mg/m
2
, days 1-4
• Cyclophosphamide: 750 mg/m
2
, day 5
• Prednisone: 60 mg/m
2
, days 1-6
फलानुमान (Prognosis)
आज कल इसके उपचार म� ब�त �गित �ई है और पांच वष�य जीवनदर 85% से 98% है। िन� घटक बुरे संकेत देते ह�।
• उ� > 45 वषर्
• चरण IV
• हीमोग्लोिबन< 10.5 g/dl
• िलम्फोसाइट काउंट< 600/ µL or <8%
• पु�ष
• एलब्यूिमन< 4.0 g/dl
• िलम्फोसाइट गणनांक>15000/ µL
वैकिल्पक उपचार
• बुडिवग �ोटकोल
• एक्यूपंक्
• एरोमाथैरेपी